गरीब मजदूरों की मदद के नाम पर कांग्रेसी नेताओं की घटिया राजनीति
इन दिनों भारत के मजदूर और मेहनतकश लोग संकट काल से गुजर रहे है। देश मे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए तालाबंदी की वजह से बहुत सारे मजदूरों की रोजी रोटी पर आफत आ गई। उनको दी जाने वाली सरकारी मदद ऊँट के मुँह में जीरा साबित हुआ। विभिन राज्य सरकारों द्वारा मदद न मिलने की वजह से भारत के महानगरो में रहने वाले मजदूर पैदल, साईकल या रिक्शे के द्वारा अपने घर की तरफ पलायन करने लगे। लंबी दूरी तय करने के दौरान कई मजदूर भूख, प्यास, थकावट, दुर्घटना, इत्यादि में मारे गए। कई मजदूरों ने ये शिकायत है कि पुलिस उन्हें परेशान करती है। कई मजदूर सफलतापूर्वक अपने घर भी पहुँच चुके है।
भारत सरकार की सक्रियता की वजह से देश मे कोरोना वायरस महामारी का रूप नही ले पाया। पूरे विश्व मे भारत की तारीफ हो रही है। इसी वजह से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तणमूल कांग्रेस और अन्य हिन्दू विरोधी दल चिढ़ गए है। वो चाहते है कि देश और विदेश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की बदनामी हो।
तालाबंदी की घोषणा के बाद भारत सरकार ने मजदूरों के राशन के लिए राज्यो को धन आवंटित किया था। विभिन्न राज्य सरकारों की मांग पर स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही है। लेकिन भारत का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस देश के मजदूरों की परेशानियों का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
कांग्रेस प्रशासित राज्यो राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, झारखंड, और तणमूल कांग्रेस के राज वाले वेस्ट बंगाल "मजदूर स्पेशल" ट्रेन चलाने के अनुमति नही दे रहे है। इसकी वजह से लाखों मज़दूर महानगरों में फसे हुए है। राज्य सरकारों द्वारा अप्रेक्षित सहयोग न मिलने की वजह से मजदूर सड़को पर आने को मजबूर है। भारत में केंद्रीय सत्ता से बाहर विपक्ष इस घटिया कार्य द्वारा भारत सरकार विरोधी माहौल बनाना चाहता ताकि कोई इनकी नाकामियो के बारे ने चर्चा न कर सके।
वर्तमान समय मे कांग्रेसी नेता देश के जरूरतमंद लोगों की मदद करने के बजाए ड्रामेबाजी कर रहे है। भारत सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद का एलान किया गया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस इससे संतुष्ट नही थी। उनका सोशल मीडिया हैंडल संभालने वाले लोगो का यह कहना था कि 20 लाख करोड़ भारत के जीडीपी का केवल 10% रकम है। सरकार को कम से कम 50% रकम आर्थिक सहायता में देनी चाहिए।
यह बात ध्यान देने योग्य है कि पिछले 60 सालो में कांग्रेस ने विभिन्न घपले घोटाले के द्वारा बेशुमार दौलत कमाए। लेकिन संकट के समय मे कांग्रेस की विदेशी अध्यक्षा अंटोनियो माइनो, उनके पप्पू पुत्र राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी ने अभी तक एक PM Cares फण्ड में अभी तक एक चवन्नी तक के दान नही दिया है। मजे की बात है कि ये तीनो अपने आप को गरीबो का मशीहा बताने से नही चुकते। अंटोनियो माईनो ने PM cares के फण्ड को प्रधानमंत्री राहत कोष में स्थानांतरित करने की मांग की ताकि फण्ड का स्वामित्व उनके हाथ मे आ सके।
अपने आप को गरीबो का हमदर्द दिखाने के लिए पप्पू के नाम से मशहूर हो चुके राहुल गांधी ने 14,000 रूपए का जूता पहन के मजदूरों से मुलाकात की और उनको मदद देने का चूरन बेचा। भारतीय मीडिया में ऐसी भी खबरे आई कि कांग्रेस प्रशासित राज्यो से चलने वाले ट्रैन में सवार मजदूरों से पैसा लिया गया। रेलवे द्वारा टिकट न बेचे जाने के वाबजूद पता नही कहाँ से कांग्रेसी नेताओं ने मजदूरों के लिए रेलवे टिकट खरीदने की बात कही। कांग्रेस प्रशासित राज्यो में बदहाल मजदूरों की चिंता करने के बजाए प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश जाने वाले मजदूरों की फिक्र हो रही है।
उन्होंने अपना बड़बोलापन दिखाते हुए मजदूरों के लिए 1000 बस की व्यवस्था करने की बात कही। कांग्रेसी मीडिया कर्मियों और उनके चमचो ने कुंभ मेले की तस्वीर को वायरल करवा दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रियंका गांधी से 1000 बसों का ब्यौरा उपलब्ध करवाने को कहा। प्रियंका गांधी द्वारा उपलब्ध करवाये गए बस की डिटेल्स में कई फर्जी आंकड़े मिले। उस लिस्ट में 2 और 3 व्हीलर गाड़ी की डिटेल्स मिली। कई जप्त किये गए गाड़ियों की भी डिटेल्स मिली है।
अपनी गलती पकड़े जाने पर प्रियंका गांधी ने उल्टे चोर कोतवाल को डांट लगाए जाने की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार के ऊपर राजनीति करने का आरोप लगाया। जबकि वो खुद मजदूरों की मदद के नाम पर राजनीति कर रही है। कई ड्रामेबाज कांग्रेसी नेताओं के ऊपर मामला दर्ज किया गया है। एक महिला कांग्रेसी नेता ने प्रियंका गाँधी की मूर्खता से चिढ कर उनकी आलोचना की.
ये पहला मौका नही है जब कांग्रेस ने देश की जनता को वेवकूफ बनाया हो। आजादी से लेकर आजतक कांग्रेसी सरकारो ने देश से गरीबो हटाओ, रोजगार, भ्रष्टाचार का खात्मा, राष्ट का सर्वांगीण विकास, इत्यादि का चूरन बेचा है। 60 सालो के एकक्षत्र राज में कांग्रेस ने भारत को जमकर लूटा और इस देश मे कई समस्याएं उत्पन्न की। आजकल के कांग्रेसियों को लगता है भारत इनकी बपौती है और इस पर राज करके भ्रष्टाचार द्वारा बेशुमार दौलत इक्कट्ठा करना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है। कांग्रेस की विदेशी प्रेसिडेंट अपने मूर्ख पुत्र राहुल गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहती है। लेकिन राहुल गांधी ने नेतृत्व में कांग्रेस लगातार चुनाव हारने के बाद अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने "कांग्रेस मुक्त" भारत का अभियान शुरू कर रखा है। मोदी सरकार द्वारा देश में विकास की राजनीति की जा रही है। यही कारण है कि हिन्दू समुदाय एकजुट होकर बीजेपी के पक्ष में वोट करने लगा है जिसकी वजह से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बदनाम कांग्रेस की करारी हार हुई है।
किसी तरह कांग्रेस महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तराखंड, पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब हो पाए है। इन सभी राज्यो से हिन्दू दमन, अपराध, और अन्य नकारात्मक खबरों का आना जारी है। आजकल कांग्रेस वाले देश विरोधी बाते, इस्लामिक आतंकवाद का मौन समर्थन, मुस्लिम समुदाय का तुष्टिकरण, पत्रकारो का दमन, जैसे कार्यो में व्यस्त है। भारत के समुचित विकास के लिए कांग्रेस को वजूद मिटाना जरूरी है। इसके लिए किसी राजनीतिक दल को कांग्रेस की जगह लेनी पड़ेगी।
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