कोरोना संकट के समय कांग्रेसी नेताओं की मूर्खतापूर्ण राजनीति

इन दिनों पूरी दुनिया सहित भारत कोरोना वायरस की महामारी से संघर्ष कर रहा है। भारत सरकार ने देश मे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले 2 महीने से तालाबंदी कर रखी है। देश के डॉक्टर्स पुलिस और विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर पूरे देश मे कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजो का इलाज कर रहे है। पूरे देश का सिस्टम इस समय अनेक समस्याओं का सामना करते हुए भी इस महामारी को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस संकट के समय भी कांग्रेसी नेताओं की मूर्खतापूर्ण राजनीति जारी है।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले चुकी कांग्रेस का चाल और चरित्र अब काफी बदल गया है। फिलहाल यह राजनीतिक दल इटली से आई एक भ्रष्ट महिला एंटोनियो माईनो, इसके बुद्धिहीन पुत्र राहुल गांधी और नौटंकीबाज पुत्री प्रियंका गांधी के कब्जे में है। संकट के इस समय से भारत सरकार के साथ मिलकर देश के जरूरतमंद लोगों के लिए काम करने के बजाए कांग्रेसी नेता मूर्खतापूर्ण राजनीति करके अपने बेवकूफ होने का परिचय दे रहे है।

राजनीति में अपने प्रतिद्वंदी नेताओ की आलोचना करना राजनेताओं का स्वाभाविक काम होता है। कांग्रेसी नेता BJP, आरएसएस, हिन्दू, और मोदी विरोध में मर्यादा की सारी सीमाओं को लांघ गए है। मोदी का विरोध करते करते कांग्रेस अब देशद्रोही बाते करने लगी है।

कोरोना संकट के समय से ही कांग्रेस अनावश्यक रूप से मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही है। हाल ही में हरियाणा कांग्रेस के एक नेता को विवादित बयान की वजह से गिरफ्तार करके जेल की हवा खिलाई गई। महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, और झारखंड में अपनी सरकार होने के वाबजूद वहाँ के जरूरतमंद मजदूरों की मदद करने के बजाए प्रियंका गांधी ने अपने आप को उत्तर प्रदेश के मजदूरों का सबसे बडा हितैषी साबित करने के लिए "बस पॉलिटिक्स" का ड्रामा किया। इनकी ड्रामेबाजी से तंग आकर उत्तर प्रदेश की एक महिला कांग्रेसी नेता ने प्रियंका गांधी की आलोचना की। अपनी भूल सुधार करने के बजाए कांग्रेस ने सच बोलने वाली महिला कांग्रेसी नेता को ही पार्टी से निकाल दिया। 

एंटोनियो माईनो के पुत्र राहुल गांधी अपरिपक्व राजनेता है। ये अपनी मूर्खतापूर्ण बयानों के लिए बदनाम है। इन्हें लगता है के सोनिया गांधी के पुत्र होने और ताकतवर राजनीतिक परिवार में जन्म लेने के कारण ही बिना किसी योग्यता के भारत की जनता एक दिन उन्हें इस देश का प्रधानमंत्री बना देगी। इस देश मे राजनेताओ से ये अपेक्षा की जाती है कि वो जनता के बीच रहकर देश के विकास और समाज की भलाई से जुड़े मुद्दे पर निष्पक्ष रूप से और ईमानदारी से काम करेंगे। जातिवादी राजनीति के इस दौर में भी आम जनता उसी नेता की तारीफ करती है जिसने देश की भलाई के लिए कुछ किया हो। 

राहुल गांधी बुद्धिहीन राजनेता है। अपने राजनीतिक विरोधियों पर निजी हमले करना इस नौटंकीबाज नेता का धंधा है। कोरोना संकट से पहले यह कांग्रेसी जोकर देश मे रह कर आम जनता की भलाई से जुड़े मुद्दे पर काम करने के बजाए हर महीने मनोरंजन और ऐशोआराम के लिए विदेश भ्रमण पर निकल जाते थे। भारतीय मीडिया का बहुत बड़ा वर्ग हर वक़्त "राहुल चालीसा" का जाप करते रहता है लेकिन इस पप्पू से कठिन सवाल करने की उनकी हिम्मत नही होती। इस कमअक्ल नेता ने हाल ही में फरमाया की भारत मे तालाबंदी फेल हो चुकी है।

मीडिया और आम जनता में अपनी "पप्पू" वाली इमेज को बदलने के लिए राहुल गांधी इन दिनों प्रेस कांफ्रेंस करके अपने चमचे पत्रकारो के साथ ड्रामेबाजी कर रहे है। एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस ने दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ दिया और सारी नकारात्मक घटनाओं का बिल शिवसेना से आने वाले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर फाड़ दिया। पप्पू ने फरमाया कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार को समर्थन जरूर दे रही है लेकिन निर्णय लेना उनके हाथ मे नही है। इससे महाराष्ट्र सरकार की किरकिरी होने लगी।

एक अन्य कांग्रेसी नेता अपनी मूर्खता की चरम सीमा पर है और जमकर नौटंकी कर रही है। आम आदमी पार्टी से निकाली गई फूहड़, नौटंकीबाज, और बेशर्म महिला नेता अलका लंबा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की नजर में वफादार बनने की फिराक में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में विवादित बयान दे डाला। सोशल मीडिया पर अलका लांबा की गिरफ्तारी के लिए ट्रेंड चलने लगे। लखनऊ में इस विवादित और नौटंकीबाज महिला कांग्रेसी नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने भी अलका लांबा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। अपने ऊपर कानून का डंडा लहराते देख इस मूर्ख महिला कांग्रेसी नेता के सुर बदल गए है और वो अब विक्टिम कार्ड खेल रही है।

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