कांग्रेस का दोहरा चरित्र, कांग्रेसी नेता और वकील ने भोगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी के पक्ष में बयान दिया

भारत में मोदी सरकार के आने के बाद मनमोहन सरकार के दौरान किए गए घपले और घोटालों का उजागर होना जारी है. कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान बड़े कारोबारियों जैसे नीरव मोदी और विजय माल्या को नियमों का उल्लंघन करके बड़े पैमाने पर लोन दिए गए. इन सभी घोटालों में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है और इससे उन्हें काफी फायदा भी हुआ है. केंद्र में बीजेपी शासन के दौरान हमने देखा कि विजय माल्या और नीरव  मोदी के द्वारा किया गया आर्थिक भ्रष्टाचार लोगों के सामने आया. 

यह दोनों कारोबारी बड़े आराम से देश छोड़कर भाग गए और देश के लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी इनको पकड़ नहीं पाई. विजय माल्या देश के कई बैंकों का करीब 10000 करोड रुपए लोन लेकर नहीं चुका रहे हैं और लंदन में बड़े आराम से बैठे हुए हैं. भारत में इनके ऊपर कई केस दर्ज हो चुके हैं और भारतीय सरकार इन्हें लंदन से भारत वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं. नीरव मोदी को भी भारत लाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस धूर्त व्यापारी ने पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14000 करोड रुपए का चूना लगाया.

नीरव  मोदी का घोटाला सामने आते हैं कांग्रेस वाले कुत्ते की तरह भोंकने लगे. कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है का नारा लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. कांग्रेस समर्थित कई मीडिया वालों ने इस मुद्दे पर काफी बवाल काटा और भारत सरकार पर भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की तरफदारी करने का आरोप लगाया. 

लेकिन भारत सरकार ने आरोपों की परवाह ना करते हुए नीरव मोदी के भारत स्थित सारी संपत्ति को जप्त कर लिया और उसे लंदन से वापस भारत लाने का प्रयास हो रहा है. बीजेपी के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से पहले राहुल गांधी कांग्रेस के 60 साल शासन में किए गए भ्रष्टाचार के बारे में सफाई देने की जरूरत नहीं समझते हैं. 

पिछले दिनों एक सनसनीखेज खबर भारतीय मीडिया में आया जिस पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने ज्यादा हो-हल्ला मचाना जरूरी नहीं समझा. इस खबर के अनुसार पूर्व जज और एक कांग्रेसी नेता ने नीरव मोदी का ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण रोकने के लिए इस आर्थिक अपराधी के पक्ष में गवाही दी. एक तरफ राहुल गांधी और उनके चमचे भारत सरकार पर नीरव मोदी को देश से भगाने का आरोप लगाते हैं तो दूसरी तरफ उनके नेता नीरव मोदी का समर्थन कर रहे हैं ताकि उनके द्वारा किया गया भ्रष्टाचार की पोल ना खुल सकें. यही कांग्रेस का दोहरा मापदंड है यह साबित करता हैं कि कांग्रेस वाले यह समझते हैं कि चित भी मेरी पट भी मेरी और सिक्का मेरे बाप का.

कांग्रेस पार्टी की स्थापना एक के अंग्रेज ने अपने अधिकारियों और रईस भारतीयों की अड्डेबाजी के लिए की थी. बाद में कई लोग इस पार्टी से जोड़ते हुए चले गए और बाद में इस राजनीतिक दल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया. सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेसी नेता जवाहरलाल नेहरू ने देश का विभाजन करवाया और करीब 30% भाग पाकिस्तान को दे दिए. 5000000 हिंदुओं और सिखों का कत्लेआम करवाया. एक अन्य विवादित स्वतंत्रता संग्रामी महात्मा गांधी ने जी भर के मुस्लिम तुष्टिकरण किया और अनशन करके पाकिस्तान को ₹650000000 दिलवाए. 

आजादी मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने इस देश पर एकछत्र राज किया है और जमकर घोटाले किए हैं. इस पार्टी ने मुस्लिम तुष्टीकरण में पीएचडी डिग्री ले रखी है और हिंदुओं का बड़े ही सुनियोजित तरीकों से दमन किया. पूर्व प्रधानमंत्री, अर्थशास्त्री और कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह ने एक बार अपने गटर क्लास ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. देश में आपातकाल कांग्रेस ने लगाया. चीन को तिब्बत और अक्साई चीन जैसा इलाका कांग्रेस नें गिफ्ट कर दिया. 1962 के भारत और चीन के युद्ध में नेहरू की मूर्खतापूर्ण नीतियों की वजह से भारत की करारी हार हुई. जम्मू कश्मीर समस्या को बरकरार रखने में नेहरू और कांग्रेस का बहुत बड़ा योगदान है. नेहरू की वजह से ही जम्मू कश्मीर राज्य का एक बहुत बड़ा भाग पाकिस्तान के कब्जे में है. 

कांग्रेस आजादी मिलने के बाद से ही भारत को बड़े ही सुनियोजित तरीके से बर्बाद कर रही है. कांग्रेसी सरकारों ने एक के बाद एक घोटाले किए लेकिन आज तक किसी भी नेता को जेल की सजा नहीं हुई और घोटाले किए गए रकम कभी वापस नहीं हुए. कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए भी बदनाम है. इस पार्टी के लिए मुसलमान ही सब कुछ है. हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों को इस पार्टी के नेता कीड़े मकोड़ों जैसा समझते हैं. पंजाब में अलगाववाद की आग लगाने में कांग्रेस का बहुत बड़ा योगदान है. इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर ही देशभर में करीब 3000 सिखों को मारा गया. मजे की बात यह है कि इतने सालों के बाद भी किसी भी पावरफुल कांग्रेसी नेता को जेल नहीं हुई और पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिला. कई कांग्रेसी नेता इस्लामिक आतंकवाद का मौन समर्थन करते हैं और आतंकवादी देश पाकिस्तान के प्रति नरम रुख रखते हैं.

भारत का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस देश पर करीब 60 साल तक एकछत्र राज कर चुकी है. इस पार्टी में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. इस राजनीतिक दल का कोई भी नेता चाहे वह छोटा हो या बड़ा हर वक्त इटालियन महिला एंटोनियो माइनो और उसके मूर्ख पुत्र राहुल गांधी की चमचागिरी में लगा रहता है. कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की कोशिश यह होती हैं कि सत्ता मिलने के बाद ज्यादा से ज्यादा भ्रष्टाचार करके पैसा बनाया जाए और उस पैसे को इटालियन महिला एंटोनिया माइनो के दरबार में जमा किया जाए. 

इसलिए भारत में जहां जहां कांग्रेस सत्ता में है वहां पर आर्थिक भ्रष्टाचार बड़े हैं आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ चुका है. स्वयं सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में जमानत पर जेल से बाहर हैं. कई अन्य कांग्रेसी नेताओं के पास भी आय से अधिक संपत्ति है लेकिन क्या मजाल कि भारतीय पुलिस, सीबीआई, अदालतें उनसे अकूत संपत्ति के बारे में सवाल जवाब कर सकें.

सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने इस देश की लगभग हर संस्थाओं में अपने चमचे नियुक्त किए. कांग्रेसी लोग इस देश की मीडिया, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं में घुसे पड़े हुए हैं. भारत के कई मीडिया संस्थान कांग्रेसी नेताओं द्वारा चलाए जाते हैं. यही कारण है कि भारतीय मीडिया सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी यह सवाल जवाब नहीं करता. कांग्रेसी मीडिया वाले बीजेपी, आर एस एस और हिंदुओं को बदनाम करने में लगे रहते हैं. 

मजे की बात यह है कि कांग्रेस किन्ही तो हर वक्त गरीबी हटाओ का नारा देते रहते हैं. लेकिन इस देश पर 60 वर्षों तक एकछत्र राज करने के बावजूद कांग्रेस नेता इस देश की गरीबी को दूर नहीं कर पाए. कांग्रेस बीजेपी को सबसे बड़ा सांप्रदायिक दल बताती है और अपने आप को मुसलमानों का मसीहा घोषित करती है. लेकिन आकड़े कुछ और कहते हैं. कांग्रेस ने मुसलमानों का वोट प्राप्त करके काफी सालों तक सत्ता की मलाई चाटी लेकिन मुसलमानों की तरक्की के लिए कुछ नहीं किया. 

मेरा मानना कि कॉन्ग्रेस इस देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी है जिसने एक के बाद एक दंगे करवाए और हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों को मरवाया. महान दार्शनिक अरस्तु ने लोकतंत्र को मूर्खों का शासन बताया. जब तक जनता मूर्ख रहेगी तभी तक भ्रष्ट और नकारा नेताओं का शासन चलता रहेगा. अपने आप को मुसलमानों का हमदर्द बताने वाली कांग्रेस ने मुसलमानों का इसलिए विकास नहीं किया कि अगर मुसलमान विकास कर जाएंगे तो इन्हें बरगलाना आसान नहीं होगा और उन्हें सत्ता प्राप्त नहीं हो पाएगी. महात्मा गांधी ने आजादी के बाद कांग्रेस को तोड़ने की बात कही थी और यही बात वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान पर है. 

कांग्रेस में केवल इटालियन महिला एंटोनियो माइनो और उनके मूर्ख पुत्र राहुल गांधी की चलती है. इस पार्टी का कोई भी नेता स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त नहीं कर सकता. इस राजनीतिक दल में प्रधानमंत्री का पोस्ट कांग्रेस खानदान के लिए फिक्स्ड है. अगर किसी ने भी इस पोस्ट पर नजर गाना की हिमाकत की तो उसे पार्टी से बेइज्जत कर कर निकाल दिया जाता है. सोनिया गांधी 1999 से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनी हुई है. तथाकथित गांधी परिवार या चाहता है कि कांग्रेस के आम कार्यकर्ता और नेता उन्हें सत्ता में बनाए रखने के लिए गधों की तरह काम करें और उनका गुलाम बना रहे हैं. 

यही कारण है कि 2014 के बाद कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इस पार्टी को छोड़कर जा चुके हैं. जो लोग इस पार्टी में अभी भी बने हुए हैं वह निष्क्रिय हो चुके हैं और पार्टी के प्रचार के लिए कोई खास काम नहीं करते हैं. कारण है कि कांग्रेस लगभग हर चुनाव में हार का स्वाद चखती  है और अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है. भारत की भलाई के लिए कांग्रेस का खत्म होना बहुत जरूरी है नहीं तो यह पाकिस्तान परस्त राजनीतिक दल इस देश के टुकड़े टुकड़े कर देगा. 


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