सेक्युलर भारत मे हिन्दुओ के खिलाफ पूर्व-नियोजित अपराध में बढ़ोतरी, तेजी से बढ़ते इस्लामिक गुंडागर्दी से कोई समस्या नही

प्रिय पाठकगण

सेक्युलर भारत मे दिन-प्रतिदिन इस्लामिक गुंडागर्दी बढ़ती ही जा रही है। लगभग हर दिन जिहादी समुदाय के लोग तथाकथित काफिरों के खिलाफ जिहाद में लगे हुए है। देश का बहुसंख्यक समुदाय इस्लामी गुंडागर्दी के साये में जीने को विवश है। भारत के अनेक राज्यो में मुस्लिम खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आए है।

फिलहाल भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के अनेक देशों में तालाबंदी लगी हुई है और सरकारो के आदेश पर आम लोग तालाबंदी का पालन भी कर रहे है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के धर्मभीरु, मूर्ख, पाखंडी और मौलवियों के तलवे चाटने वाले लोग खुलेआम लोकडौन का उल्लंघन कर रहे है। उन्हें अपनी जान से ज्यादा अल्लाह, नमाज और इबादत की फिक्र हो रही है। वो नमाज पढ़ने के नाम पर मस्जिदों में भीड़ इक्कट्ठा करके कोरोना वायरस को ज्यादा से ज्यादा फैलाने का काम कर रहे है। 

भारत मे लोकडौन कबका खत्म हो गया होता अगर जमाती मुस्लिम और उनके मुस्टंडे देश भर में कोरोना वायरस फैलाने का काम नही करते। जमातियों ने दिल्ली शहर के निजामुद्दीन मरकज में भीड़ लगाकर अपने लोगो को कोरोना वायरस का प्रसाद बाटने का काम किया। कई जमाती मुस्लिम सरकार की तरफ से मिल रहे मुफ्त इलाज और सेल्फ क्वारंटाइन से बचने के लिए गुपचुप तरीके से देश के अनेक भागों में यात्राये की और हर जगह कोरोना फैलाया। इस्लामिक गधो पुलिस जांच और मेडिकल ट्रीटमेंट से बचने के लिए अपने मोबाइल फोन ही बंद करके भूमिगत हो गए। कई राज्यो की पुलिस ने इन जाहिलो को खोजने और पकड़ने में अपना काफी समय बर्बाद किया। 

जमातियों ने अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करते हुए डॉक्टरों और नर्सो पर थूका, उनके साथ दुर्व्यवहार किया, महिल डॉक्टरों और नर्सो के साथ बदतमीजी की, क्वारंटाइन सेंटर में ही हग दिया, नर्सो के सामने नंगे हो गए और उनपर अश्लील टिप्पणी की, बोतल में पेशाब करके फेका, क्वारंटाइन सेंटर से भागने का प्रयास किया, खाने में मटन, चिकन, कबाब और बिरयानी की मांग की क्योकि शाकाहारी भोजन खाते खाते इनका मन ऊब गया था। इतना सबकुछ होने के वाबजूद भी डॉक्टर और नर्स इनके मेडिकल ट्रीटमेंट में लगे है।

पूरे भारत के लोगो ने देखा कि देश के मुसलमानों ने बार बार पुलिस और डॉक्टर पर जानलेवा हमला किया जब वो कोरोना का इलाज करने उनके इलाको में गए। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तो मुस्लिम महिलाओं ने पुलिस के ऊपर छतों से पत्थर बरसाया। बाद में इन सभी जाहिल महिलाओं को जेल की हवा खिलाई गई।

कोरोना संकट के इस नाजुक समय मे भी मुस्लिम समुदाय के लोग  तथा लोगो को वेवकूफ बना के 5 स्टार की ज़िंदगी जीने वाले मौलाना देश की पुलिस, सरकार, और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी के लिए सिरदर्द बन रहे है। पुलिस जांच में पता चला कि मौलाना साद करीब 2000 करोड़ रुपये का मालिक है और कई जगहों पर इसके आलिशान महल है। फिलहाल, ये लोगो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का आरोपी ये मौलाना फरार है और पुलिस इसे खोज रही है।

पिछले 60 सालों के राज में कांग्रेस ने जमकर मुस्लिम समुदाय का तुष्टिकरण किया और मुसलमानों के हर नाजायज़ मांगो को पूरा किया। फलस्वरूप, देश की मुस्लिम आबादी अपने आप को कानून के ऊपर समझती है। कांग्रेस अध्यक्षा एंटोनियो माइनो(सोनिया गांधी) के आज्ञाकारी शिष्य, प्रोफेसर, अर्थशास्त्री और और एक्सीडेंटल तरीके से 10 सालो तक रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री बने रहे मनमोहन सिंह ने अपने गटर क्लास ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का है।

कांग्रेस स्वाभाविक रूप से मुसलमानों की पार्टी है। इस राजनीतिक दल की स्थापना एक अंग्रेज ने किया था और वर्तमान समय मे इस राजनीतिक पार्टी कम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की कमान एक भ्रष्ट इतालवी महिला और उसके वेवकूफ पुत्र के हाथों में है। इन माँ-बेटे की भ्रष्ट जोड़ी किसी जिम्मेदारी के अपने भ्रष्ट राजनीतिक चमचो के सहारे देश की केंद्रीय सत्ता पर राज किया और आज भी कई राज्यो में सत्ता में है। कोई भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री और नेता देश या राज्य की सेवा करने के बजाए सोनिया गांधी के दरबार का सबसे बड़ा चमचा बनने के फिराक में रहता है और पार्टी आला-कमान के निर्देशानुसार भ्रष्टाचार करता है। 

फिलहाल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यो में कांग्रेस की सरकार है। इन राज्यो में कांग्रेस के सत्ता में आते ही बड़े ही नियोजित तरीके से हिन्दू आबादी का दमन हो रहा है और देश का तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग एवम बिकाउ मीडिया वाले खामोश है।

ताजा मामला झारखंड का है। एक फल विक्रेता ने अपने दुकान के आगे हिन्दू फल की दुकान का पोस्टर लगा रखा था। इस फोटो को क्लिक करके किसी मुस्लिम व्यक्ति ने जमशेदपुर पुलिस को ट्विटर अकाउंट पर सूचित किया। कांग्रेसी राज में जमशेदपुर पुलिस ने गजब की सक्रियता दिखाते हुए स्थानीय पुलिस को इस बारे में सूचित किया। आपको जान के आश्चर्य होगा कि लोकल पुलिस ने तुरंत ही उस पोस्टर को हटवा दिया और दुकानदार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला न होते हुए भी केस दर्ज किया गया। झारखंड राज्य की सेक्युलर सरकार को मुस्लिम समुदाय के दुकान पर लगे धार्मिक पहचान वाले पोस्टर से कोई दिक्कत नही है। सारी दिक्कत हिन्दू और हिन्दुओ के पहचान वाले प्रतीक चिन्हों से है। 

जैसे ही यह खबर जंगल मे आग की तरह फैली, लोगो ने सोशल मीडिया पर झारखंड सरकार और पुलिस के दोहरे मापदंड की पोल खोलना शुरू कर दिया। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, वकीलो और लोगो ने सरकार के इस पाखंड की निंदा की और उन्होंने सवाल किया कि क्या मुसलमानों के साथ भी ऐसा ही सलूक किया जा सकता है। अपनी किरिकरी होते देख अब झाखण्ड सरकार ने दुकानदार के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले लिया है।

इन दिनों देस के कई राज्यो में हिन्दुओ के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र के पालघर में बड़े ही सुनियोजित तरीके से 2 साधुओं और उसके ड्राइव की हत्या की गई। कांग्रेस प्रशासित राज्य पंजाब में भी एक साधु के ऊपर जानलेवा हमला हुआ। बीजेपी के शासन वाले राज्य उत्तरप्रदेश में दो साधुओं की निर्मम हत्या हुई। जदयू और बीजेपी प्रशासित राज्य बिहार की राजधानी पटना में मुस्लिम गुंडो ने एक हिन्दू परिवार के घर मे घुसने के बाद गोलीबारी की जिसमे एक हिन्दू लड़के की मौत हो गई और अब ये परिवार डर के साये में जीने को मजबूर है। मकान मालिक ने मुस्लिमो की गुंडागर्दी से तंग आकर अपने घर के ऊपर "यह मकान बिकाउ है" का बोर्ड लगा रखा है। 

पटना में लोकडौन होने के वाबजूद कई मुस्लिम युवक सड़को पर मटरगश्ती कर रहे थे। जब NCC वाले ने लोकडौन इम्पलीमेंट करवाने के लिए दबिश दी तो ये मुस्टंडे जबर्दस्ती उस हिन्दू युवक के घर मे घुस गए। जब युवक ने उसे घर से बाहर जाने को कहा तो मुसलमान युवकों ने उसे गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के ऊपर मीडिया में कोई होहल्ला नही है क्योंकि अपराध करने वाला मुस्लिम और पीड़ित व्यक्ति हिन्दू है।

देश के अनेक भागों से इसी तरह मुस्लिम समुदाय की गुंडागर्दी के बारे में खबरे आ रही है। तेलेंगाना में एक ट्रैफिक पुलिस के मुस्लिम जवान ने ड्यूटी के दौरान ही सड़क किनारे चटाई बिछा कर नमाज पढ़ने लगा जिससे किसी भी मीडिया वाले और तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग को कोई आपत्ति नही है। अगर इस जगह पर कोई हिन्दू हनुमान चालीसा पढ़ने बैठ जाता तो कोहराम मच जाता। 

भारतीय राजनेता क्षद्म-सेक्युलरिज्म के नशे में झूम रहे है। उन्हें मुस्लिम समुदाय की तुष्टिकरण करने के अलावा कुछ दिख नही रहा है। इस देश का भगवान ही मालिक है। जय हिंद।

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