कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कोताही बरतती ममता बनर्जी, केंद्र सरकार से लड़ाई के मूड में

प्रिय पाठकगण
भारत मे अभी लोकडौन पार्ट 2 चल रहा है। सरकार के लाख कोशिशों के वाबजूद देश के विभिन्न भागों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। भारत के कई स्वघोषित सेक्युलर राजनेता जो प्रशासनिक व्यवस्था पर ध्यान देने के बजाए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में लगे रहते है, वो कोरोना वायरस के खिलाफ की जाने वाले लड़ाई को कमजोर करने का काम कर रहे है। मुस्लिम समुदाय की तुष्टिकरण के लिए बदनाम ममता बनर्जी वेस्ट बंगाल में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर ध्यान देने के बजाए केंद्र सरकार से लड़ाई कर रही है।

भारत मे कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के लिए जाहिल मौलाना और उनको अंधभक्त की तरह फ़ॉलो करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग जिम्मेदार है। सरकार द्वारा लोकडौन लगाने और भीड़ लगाने की मनाही के वाबजूद भारत मे कई जगहों पर मुस्लिमो ने नमाज पढ़ने के नाम पर मस्जिद में भीड़ लगाई और कोरोना वायरस का प्रसाद अन्य लोगो को वितरित किया। कई जगह पर जाहिल मुस्लिमो ने घर की छतों पर ही नमाज पढ़ने के लिए भीड़ लगा दी। जमातियों और मुसलमानों के मूर्खतापूर्ण हरकतों के वजह से ही भारत मे कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे है।

ममता बनर्जी अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है। वेस्ट बंगाल में इसी वजह से बांग्लादेशी घुसपैठियों की बाढ़ आ गई है। इस राज्य के कई जिलों में मुस्लिम आबादी 40% तक हो चुकी है और आदत के अनुसार इस्लामिक गुंडागर्दी भी बढ़ गई है। सत्ता के संरक्षण में मुस्लिम गुंडो ने बीजेपी और आरएसएस के कई कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया है। मुस्लिम समुदाय ने हिंदूओ का जीना हराम कर दिया है।

कोरोना वायरस की माहमारी के समय भी नौटंकीबाज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीतिक गेम खेलने की पड़ी है। कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने हर राज्य में एक हेल्थ इंस्पेक्शन टीम भेजने का फैसला किया जिससे ये पता चल सके कि राज्यो में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए क्या उपाय किये जा रहा है। केंद्र सरकार अपने स्तर ने राज्यो को हर संभव मदद दे रही है। लेकिन ममता बनर्जी को केंद सरकार का ये कदम पसंद नही आया और वो केन्द्रीय सरकार पर वेस्ट बंगाल के मामले में हस्तक्षेप का आरोप लगा रही है। यह तो मूर्खता की हद हो गई। राज्य में लचर हेल्थकेयर सिस्टम की उन्हें कोई चिंता नही है।

कभी वेस्ट बंगाल भारत का विकसित राज्य हुआ करता था। 35 साल के वामपंथी शासन में इस राज्य का कबाड़ा निकल गया। जब से ममता बनर्जी सत्ता में आई है तब से यह राज्य जंगलराज में बिहार को टक्कर देने लगा है। लगभग हर दिन राज्य से नकारात्मक खबरे ही बाहर आती है।

मेरा निजी मत है कि अल्पसंख्यक तुष्टिकरण किसी भी राजनेता, पार्टी और राज्य के लिए खतरनाक होता है। उदाहरण के लिए कांग्रेस ने दिल्ली में काफी समय तक मुसलमानों का तुष्टिकरण करके राज्य की बहुसंख्यक आबादी को नाराज कर लिया। मुस्लिम वोटर विकल्प मिलने पर पार्टी बदलने में देर नही करते। आजकल वो आम आदमी पार्टी के साथ है। ममता बनर्जी की मूर्खतापूर्ण नीतियों से वेस्ट बंगाल का बेड़ा गर्क हो रहा है। कोई इस बेवकूफ महिला को ज्ञान प्रदान करे।


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