पाकिस्तान की उलझन: कोरोना वायरस ये लड़े या जाहिल मौलानाओं से
कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस्लामिक आतंकी देश पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में चल रहे है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तानी जनता को अच्छे दिनों का लॉलीपॉप दिखा के पाकिस्तान सेना की मदद से सत्ता हासिल की। पूरी दुनिया को ऐसा लगा कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान अपने नेतृत्व में पाकिस्तान को सही दिशा में ले जाएंगे। लेकिन कुछ समय के बाद इमरान खान का स्टारडम और लोकप्रियता का बुलबुला फूटने लगा।
अगर मैं ईमानदारी से कहूँ तो पिछली सदी में वेस्टर्न कन्ट्रीज ने अपने जमाने मे मजबूत रहे सोवियत संघ को तोड़ने के लिए भारत को बड़े ही पूर्व-नियोजित तरीको से तोड़कर एक कट्टर इस्लामिक देश पाकिस्तान का निर्माण किया। वेस्टर्न कन्ट्रीज ने इस लिए भी भारत को तोड़ा क्योकि अविभाजित भारत आगे चल के इनके लिए सिरदर्द बन सकता था।
अमेरिकी सरकार और वहाँ की खुफिया एजेंसी सीआईए ने पाकिस्तान को धन और हथियार मुहैया करवा के अफगानिस्तान में सोवियत रूस के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर शुरू करवाया। लंबे समय तक चले इस युद्ध का आर्थिक भार रूस सहन नही कर पाया 1991 में विघटित हो गया। अमेरिका ने ही पाकिस्तान के माध्यम से पूरी दुनिया मे कट्टर इस्लाम को बढ़ावा दिया और जब लगा कि पाकिस्तान नाम का ये नाग उसे ही चुना लगा रहा तो उसे डंप कर दिया। आजकल पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय विरादरी में बिल्कुल तन्हा हो गया है।
पाकिस्तान एक अजीब मुल्क है। ये देश भ्रष्ट और पैसों की लालची पाकिस्तानी सेना के कब्जे में है। अपने जन्म के बाद से ही पाकिस्तान विदेशी कर्जे से भारत से पूरी दुनिया में आतंकवाद का निर्यात करते रहा है। इस देश मे पाकिस्तानी सेना, कट्टर मौलानाओं और भ्रष्ट नेताओं का आपराधिक गठजोड़ पाकिस्तान के संसाधनों का दोहन कर रहा और आम पाकिस्तानी गरीबी में अपना जीवन गुजार रहा है।
देश पर सेना से दबदबे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सेना किसी भी निर्वाचित सरकार को स्वतंत्र रूप से काम नही करने देती। पाकिस्तानी सेना देश के कुल बजट का कातिब 45% भाग देश की सुरक्षा के नाम पर डकार जाती है। इसके अलावे पाकिस्तानी सेना चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर कई कंपनियां चलाती है और टैक्स चोरी करती है। कमीशन और दलाली की रकम अलग से। मतलब सेना पाकिस्तान को दोनो हाथों से लूट रही है। सेना के बडे अफसरों के पास देश विदेश में बेशुमार दौलत है। उनके बेटे-बेटियां वेस्टर्न कन्ट्रीज के मंहगे विद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ते है।
आज के बदले माहौल में वेस्टर्न कन्ट्रीज को पाकिस्तान की जरूरत नही रही है। अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर पाकिस्तान ने अमेरिका और अन्य देशों खूब माल लूटे और उनको बेवकूफ बनाया। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी मदद मिलनी बंद हो गई।
पाकिस्तान के कर्ज लेकर घी पीने की आदत से तंग आकर अन्य देशों ने भी इस भिकारी देश को दान देना बंद कर दिया। चीन ने चाइना पाकिस्तान आर्थिक गलियारा विकसित करने के नाम पर पाकिस्तान के ऊपर कर्जे का एक मोटा कट्टा लाद दिया है जिसकी वजह से यह देश आर्थिक अराजकता और दिवालियेपन की तरफ बढ़ रहा है। विदेशी कर्जे के बढ़ते दबाव और बाहरी देशों से भीखमंगी करने के बाबजूद अर्थिक मदद न मिलने की वजह से पाकिस्तान में मुद्रास्फीति काफी तेजी से बढ़ रही है। पाकिस्तानी सरकार और सेना आम जनता का खून चूस रही है।
कोरोना संकट के इस दौर में पाकिस्तान के लोगो को इस्लाम की पड़ी है। कोरोना वायरस का होहल्ला होने पर प्रधानमंत्री इमरान खान टेलीविजन पर आए और लोगो से इस वायरस से न डरने की सलाह दी। इमरान खान की इमेज एक प्लेब्वॉय की रही है। अपने शुरुआती जीवन से इमरान खान ने कई लड़कियों के साथ गुलछर्रे उड़ाए है और एक शाही जिंदगी जी है।
इनके लिए पैसा, शराब, मटन, नई लड़कियाँ, और भोग विलास का जीवन ही सबकुछ है। अपना ठरकपन मिटाने के लिए जनाब कई शादियां कर चुके है। जब कोई बुद्धिहीन सत्ता के शीर्ष पद पर बैठ कर मुखतापूर्ण हरकतें करता है तो उस देश का बेड़ा गर्क होना तय है। इमरान खान सरकार के नकारा होने का एक कारण यह भी है कि पाकिस्तानी सेना इनके कामो में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करती है।
जब पूरी दुनिया मे सरकारे कोरोना वायरस से बचने के लिए लोवकडौन लगा रखी है, इमरान खान ने आश्चर्यजनक रूप से देश के गरीब लोगों के आर्थिक मुश्किलों का हवाला देते हुए लोवकडौन लगाने से साफ इनकार कर दिया। कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय सहायता को भी पाकिस्तान की लालची सेना और राजनेताओं ने हड़प लिया।
सरकार की काहिली, लचर हेल्थकेयर सिस्टम और पाकिस्तानी मौलानाओं की बेवकूफी ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस के तीव्र प्रसार को हवा दी है। हमे प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस से अबतक पाकिस्तान ने करीब 315 लोग मर चुके हैं और 15000 से ज्यादा लोग संक्रमित है। ऐसा माना जाता है कि सरकार कोरोना वायरस संबंधी आंकड़ो को छुपा रही है ताकि देश और दुनिया को समस्या की भयावहता का अंदाज़ न हो। पाकिस्तान डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी इमरान सरकार के इस आदेश की आलोचना की और कहा इस वजह से कोरोना के खिलाफ उनकी लड़ाई कमजोर पड़ रही है।
इस कठिन माहौल में भी पाकिस्तानी मौलानाओं को लोगो के स्वास्थ के बजाए इस्लामी कर्मकांड की फिक्र है। कट्टरपंथी मुल्लो के दवाब में आकर इमरान खान ने मौलानाओं को मस्जिदों में भीड़ इक्कठा करने की अनुमति दे दी है जिसकी वजह से पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे है। कोरोना संकट को संभालने में इमरान खान की नाकामी से तंग आकर पाकिस्तानी सेना से खुद मोर्चा संभाला और अब पूरे पाकिस्तान में लोकडौन लगा हुआ है। इस वजह से सरकार और सेना के बीच सत्ता संघर्ष की झलक साफ दिख जाती है। पाकिस्तान की अन्य खबर अगले रिपोर्ट में। हमारी खबरों को आप बढ़ते रहे।
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