संदेश

अप्रैल, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पाकिस्तान की उलझन: कोरोना वायरस ये लड़े या जाहिल मौलानाओं से

चित्र
कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस्लामिक आतंकी देश पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में चल रहे है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तानी जनता को अच्छे दिनों का लॉलीपॉप दिखा के पाकिस्तान सेना की मदद से सत्ता हासिल की। पूरी दुनिया को ऐसा लगा कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान अपने नेतृत्व में पाकिस्तान को सही दिशा में ले जाएंगे। लेकिन कुछ समय के बाद इमरान खान का स्टारडम और लोकप्रियता का बुलबुला फूटने लगा।  अगर मैं ईमानदारी से कहूँ तो पिछली सदी में वेस्टर्न कन्ट्रीज ने अपने जमाने मे मजबूत रहे सोवियत संघ को तोड़ने के लिए भारत को बड़े ही पूर्व-नियोजित तरीको से तोड़कर एक कट्टर इस्लामिक देश पाकिस्तान का निर्माण किया। वेस्टर्न कन्ट्रीज ने इस लिए भी भारत को तोड़ा क्योकि अविभाजित भारत आगे चल के इनके लिए सिरदर्द बन सकता था।  अमेरिकी सरकार और वहाँ की खुफिया एजेंसी सीआईए ने पाकिस्तान को धन और हथियार मुहैया करवा के अफगानिस्तान में सोवियत रूस के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर शुरू करवाया। लंबे समय तक चले इस युद्ध का आर्थिक भार रूस सहन नही कर पाया 1991 में विघटित हो गया। अमेरिका ने ही पाकिस्तान के माध्

सेक्युलर भारत मे हिन्दुओ के खिलाफ पूर्व-नियोजित अपराध में बढ़ोतरी, तेजी से बढ़ते इस्लामिक गुंडागर्दी से कोई समस्या नही

चित्र
प्रिय पाठकगण सेक्युलर भारत मे दिन-प्रतिदिन इस्लामिक गुंडागर्दी बढ़ती ही जा रही है। लगभग हर दिन जिहादी समुदाय के लोग तथाकथित काफिरों के खिलाफ जिहाद में लगे हुए है। देश का बहुसंख्यक समुदाय इस्लामी गुंडागर्दी के साये में जीने को विवश है। भारत के अनेक राज्यो में मुस्लिम खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आए है। फिलहाल भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के अनेक देशों में तालाबंदी लगी हुई है और सरकारो के आदेश पर आम लोग तालाबंदी का पालन भी कर रहे है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के धर्मभीरु, मूर्ख, पाखंडी और मौलवियों के तलवे चाटने वाले लोग खुलेआम लोकडौन का उल्लंघन कर रहे है। उन्हें अपनी जान से ज्यादा अल्लाह, नमाज और इबादत की फिक्र हो रही है। वो नमाज पढ़ने के नाम पर मस्जिदों में भीड़ इक्कट्ठा करके कोरोना वायरस को ज्यादा से ज्यादा फैलाने का काम कर रहे है।  भारत मे लोकडौन कबका खत्म हो गया होता अगर जमाती मुस्लिम और उनके मुस्टंडे देश भर में कोरोना वायरस फैलाने का काम नही करते। जमातियों ने दिल्ली शहर के निजामुद्दीन मरकज में भीड़ लगाकर अपने लोगो को कोरोना वायरस का प्रसाद

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कोताही बरतती ममता बनर्जी, केंद्र सरकार से लड़ाई के मूड में

चित्र
प्रिय पाठकगण भारत मे अभी लोकडौन पार्ट 2 चल रहा है। सरकार के लाख कोशिशों के वाबजूद देश के विभिन्न भागों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। भारत के कई स्वघोषित सेक्युलर राजनेता जो प्रशासनिक व्यवस्था पर ध्यान देने के बजाए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में लगे रहते है, वो कोरोना वायरस के खिलाफ की जाने वाले लड़ाई को कमजोर करने का काम कर रहे है। मुस्लिम समुदाय की तुष्टिकरण के लिए बदनाम ममता बनर्जी वेस्ट बंगाल में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर ध्यान देने के बजाए केंद्र सरकार से लड़ाई कर रही है। भारत मे कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के लिए जाहिल मौलाना और उनको अंधभक्त की तरह फ़ॉलो करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग जिम्मेदार है। सरकार द्वारा लोकडौन लगाने और भीड़ लगाने की मनाही के वाबजूद भारत मे कई जगहों पर मुस्लिमो ने नमाज पढ़ने के नाम पर मस्जिद में भीड़ लगाई और कोरोना वायरस का प्रसाद अन्य लोगो को वितरित किया। कई जगह पर जाहिल मुस्लिमो ने घर की छतों पर ही नमाज पढ़ने के लिए भीड़ लगा दी। जमातियों और मुसलमानों के मूर्खतापूर्ण हरकतों के वजह से ही भारत मे कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे है।

बिहार के लिए नकारा साबित होते हुए नीतीश कुमार

चित्र
प्रिय पाठकगण, नीतीश कुमार 2003 से ही बिहार के मुख्यमंत्री है। उन्होंने बिहार की जनता को सर्वांगीण विकास का लॉलीपॉप दिखा कर सत्ता में आये थे। अपने पहले कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार ने कुछ अच्छे कार्यों की बदौलत अपनी लोकप्रियता में ज़बरदस्त इज़ाफा किया और जनता में 'सुशासन बाबू" की इमेज बनाई।  बिहार के नाकारा मुख्यमंत्री नितीश कुमार  नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही बिहार में 15 सालो से चल रहे अपहरण उद्योग, रंगदारी प्रथा, और गुंडागर्दी पर लगाम लगी। राज्य के विभिन्न भागों में पक्की सड़के बनाई गई, शहरी और ग्रामीण बिहार में नियमित रूप से बिजली मिलने लगी और निजी क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग धंधों का विकास हुआ। लेकिन ऐसा लगता है कि अपने दूसरे और तीसरे कार्यकाल से है नीतीश कुमार ने बिहार को विकसित राज्य बनाने के अपने प्रण को छोड़ दिया है।  यह सच है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार बड़ी की तीव्र गति से विकास कर रहा था। एक समय यह राज्य करीब 11.5% की दर से विकास कर रहा था। लेकिन राज्य में अच्छे कार्यो की वजह से मिल रही वाहवाही से उनका दिमा

चीन के नए यार विवादित पत्रकार रविश कुमार

चित्र
प्रिय पाठकगण जैसे जैसे सारी दुनिया मे कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने जा रहा है, वैसे वैसे विश्व के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान और राजनेताओं का गुस्सा चीन के खिलाफ बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस के मसले पर शुरू से ही चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर पूरी दुनिया को भ्रामक जानकारी देता आया है।  चीन की इसी पालिसी के वजह से ही पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस फैला, विभिन्न देशों में इस जानलेवा रोग के प्रसार को रोकने के लिए लोकडौन लगाना पड़ा, अर्थव्यवस्था ठप्प पड़ गई, करीब 1 लाख 85 हजार से ज्यादा लोग मारे गए, और करोड़ो लोग बेरोजगार हो गए। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति और प्रसार के संबंध में चीन से तीखे सवाल पूछने शुरू कर दिये है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को "चीनी वायरस" की संज्ञा दी।  उन्होंने कहा: अमेरिकी सरकार और खुफिया एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है। अगर ये पता चला कि कोरोना वायरस के उत्पादन और प्रसार में चीन का हाथ है तो चीन के लिए परिणाम अच्छा नही होगा। अमेरिकी सांसदों और कंपनियों ने देश की विभिन्

भारत मे बढ़ती आरजकता का सबूत है महाराष्ट्र में 2 साधुओं और उनके ड्राइवर का हिंसक भीड़ के हाथों मारा जाना

चित्र
प्रिय पाठकगण                      भारत मे आरजकता बढ़ती ही जा रही है। 1.3 बिलियन की बड़ी आबादी वाले देश मे लगभग हर दिन कोई न कोई अपराध होते रहता है। चाहे आप भारत के किसी भी राज्य में रहे, राजनीतिक गुंडागर्दी, बलात्कार, चोरी, डकैती, नशाखोरी, हत्या, सामूहिक हत्याकांड, लूटपाट, इत्यादि जैसी घटनाएँ आम बात है।  देश की आबादी बढ़ने के साथ साथ भारत मे अराजकता भी बढ़ते ही जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र में करीब 200 लोगो की हिंसक भीड़ ने 2 साधुओं और उसके ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला। मौके पर मौजूद पुलिस ने अपनी अकर्मण्यता का प्रदर्शन करते हुए अपने शरण मे आये साधु को सुरक्षा देने के बजाय हिंसक भीड़ के हवाले कर दिया। परिणामस्वरूप, खून के प्यासे जाहिल लोगो ने साधुओं की निर्मम हत्या कर डाली। इस घटना का पूरा विश्लेषण करते है। भारत मे नेताओं को मुस्लिम तुष्टीकरण और सेकुलरिज्म की बीमारी है। आजादी के बाद से ही मुसलमानों का वोट प्राप्त करके सत्ता की मलाई चाटने के लिए भारत के कई दलों और राजनेताओं ने मुस्लिम समुदाय के नाजायज मांगो को पूरा किया है। परिणामस्वरूप आज पूरे देश मे आरजकता का माहौल है।

इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में जनता का भरोसा खोते मुख्यधारा की मीडिया

चित्र
प्रिय पाठकगण, आजकल देश दुनिया मे विभिन्न मीडिया संस्थान है। हर मीडिया का अपना प्रिंट सर्कुलेशन, वेबसाइट, ब्लॉग, सोशल मीडिया पेज, यूट्यूब चैनल भी है। वो 24 घंटे लोगो को लगभग मुफ्त में न्यूज़ कंटेंट भी उपलब्ध करवाते है। फिर भी दुनिया के विभिन्न देशों में लोगो ने मेनस्ट्रीम मीडिया की खबरों पर भरोसा करना लगभग छोड़ ही दिया है। पाठकों ने स्थापित और बड़े मीडिया संस्थानों के प्रीमियम कंटेंट का सब्सक्रिप्शन रद्द करना शुरू कर दिया है।  अखबारों की बिक्री कम हो गई है। मीडिया जगत के कई चैनल और अखबार आये दिन "फेक न्यूज़" की वजह से एक्सपोज़ होते रहते है। आर्थिक मंदी की आहट की वजह से कई छोटे मीडिया संस्थान बंद होने लगे है, सरकारें उनके बजट और विज्ञापन राशि में कटौती कर रही है और और गैर जरूरी मीडिया कर्मियों की छटनी भी शुरू हो गई है। आखिर मेनस्ट्रीम मीडिया संस्थानों की हालत इतनी बुरी क्यो है? क्यो आम लोगो के बीच मे उनकी विश्वसनीयता कम क्यो हो रही है? चलिए जानते है। मीडिया का निगमीकरण (कॉरपोरेटीकरण) पहले, मीडिया स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा चलाया जाता था. पत्रकार स्वतंत्र रूप से काम