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नकली किसान आंदोलन से देश में बढ़ता अराजकता का आलम

मित्रों, हमारे दैनिक जीवन में किसानों का काफी महत्व है. हमारे भोजन की थाली में परोसा जाने वाले खाने का उत्पादन किसान ही करते हैं. भारत की आजादी के 75 साल हो जाने के बाद भी देश के छोटे किसानों की हालत काफी दयनीय है. खेती में लागत बहुत ज्यादा है और लाभ काफी कम है. इन्हीं छोटे किसानों की दशा को सुधारने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने तीन कृषि बिल को पास किया और उसे कानून की शक्ल दी. 70 सालों से किसानों की उपज पर मौज काटने वाले बिचौलिए बस इसी बात से नाराज है कि इन तीनों कृषि कानूनों के लागू होने के बाद वह किसानों को अपना गुलाम नहीं बना पा रहे हैं. पिछले 8 महीने से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सड़कों पर डेरा डाल रखा है. उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता वह वापस नहीं जाएंगे. कई दौर की वार्ता के बावजूद इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है. अपने आपको किसान बोलने वाले बिचौलिए अपनी मांग से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. फलस्वरुप सरकार और बिचौलियों के बीच में टकराव बढ़ता ही जा रहा है. देश के बिकाऊ बुद्धिजीवियों और मीडिया के प्रोपेगेंडा के बावजूद

अफगानिस्तान में अराजकता का आलम, मूकदर्शक बना विश्व समुदाय

मित्रों इन दिनों अफगानिस्तान में अराजकता का आलम बना हुआ है. इस देश से अमेरिका और नाटो फोर्सेज के हट जाने के बाद इस्लामिक आतंकवादी संगठन तालिबान ने कोहराम मचा दिया है. फिलहाल पूरे देश पर तालिबान का नियंत्रण है. तालिबान के खतरनाक इरादों को जानते हुए दुनिया भर के प्रमुख देशों ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया है और वहां से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं. लाखों की संख्या में अफगानी नागरिक भी देश छोड़ने के लिए बेचैन है. इसलिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जमा है और अराजकता का आलम है.  हाल ही में एक अन्य इस्लामिक आतंकी संगठन आईएसआईएस ने काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमला करके कई अमेरिकी सैनिकों समेत 113 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. सैकड़ों लोग घायल हो गए. इस घटना से अमेरिका की पूरी दुनिया में बेइज्जती हो रही है. पाकिस्तान, रूस, चीन, तुर्की, ईरान जैसे देश अमेरिका की इस दुर्दशा पर मन ही मन खुश हो रहे हैं. लेकिन यह सारे देश यह नहीं जानते कि तालिबान किसी का सगा नहीं है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि पूरी दुनिया के विभिन्न भागों

तेजी से बढ़ते हुए साइबर क्राइम और ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से अपने आप को सुरक्षित कैसे रखें?

मित्रों, भारत में टेलीकॉम कंपनी जियो के आने के बाद इंटरनेट काफी सस्ता हो गया है. यही कारण है कि आज देश में इंटरनेट का प्रयोग काफी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. इंटरनेट अब शहरी भारत से निकलकर ग्रामीण भारत तक पहुंच गया है. इंटरनेट और मोबाइल की जानकारी रखने वाले लगभग सभी लोग ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं. अपना बिजनेस बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भारत के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी दुकानदार और बिजनेस वर्ग के लोग ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करने लगे हैं.  गूगल पे, अमेज़न पे, फ़ोन पे, PAYTM जैसे ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. इन पेमेंट एप्स का उपयोग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए हर बार अपने बैंक अकाउंट में लॉगिन नहीं करना पड़ता. बस आप अपने मोबाइल में इन एप्स को डाउनलोड करके एक्टिवेट करें और मोबाइल नंबर का उपयोग करके किसी को भी आसानी से पेमेंट कर सकते हैं. पेमेंट एप्स के उपयोग के बढ़ते चलन से हर समय कैश रखने की समस्या का समाधान हो गया है. ऑनलाइन पेमेंट सुरक्षित होता है और दुकानदारों को खुदरा रुपैया रखने की सम

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगा अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का चस्का, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में बढ़ा रोष

2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के सितारे आसमान पर है. पार्टी पिछले करीब 7 सालों से केंद्र की सत्ता पर काबिज है. देश के कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है. देश के वर्तमान प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का आलम यह है कि अगर कोई भी नेता, अभिनेता, या अन्य लोकप्रिय व्यक्ति अगर बीजेपी, देश या प्रधानमंत्री के बारे में अनर्गल बयानबाजी करता है तो देश के आम लोग और सोशल मीडिया यूजर्स उस इंसान की अच्छी तरीके से मजम्मत करते हैं. केंद्र में पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार है.  अपने कुशल राजनीतिक नेतृत्व की वजह से केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को हटाया, तीन तलाक को समाप्त किया, पाकिस्तान और चीन की गुंडागर्दी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, और देश दुनिया की नजर में भारत की छवि एक मजबूत राष्ट्र की बनी. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद, अकाली दल, तनमूल कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे अल्पसंख्यक तुष्टिकरण करने वाले राजनीतिक दलों के होते हुए देश के हिंदुओं के पास बीजेपी ही एकमात्र विकल्प बचता है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के हिंदुओं का विश्वास अभी तक बना हुआ है. लगातार चुन

कोरोना की वजह से बढ़ी बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई ने जिंदगी में आग लगाई

2020 में चीन से पूरी दुनिया में फैला वैश्विक महामारी कोरोना का कहर अभी तक कम नहीं हुआ है. दुनिया भर की सरकारों के लाख प्रयास के बावजूद यह बीमारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ब्राजील, पाकिस्तान और अन्य देशों में कोरोना वायरस के नये मामले बड़ी तेजी से सामने आ रहे हैं. दिन प्रतिदिन हालात खराब होते जा रहे हैं. तालाबंदी से ऊब चुके लोगों के लिए यह एक बुरी खबर है. विश्व के कई देशों में सरकार द्वारा लगाए गए तालाबंदी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. दुनियाभर में करोड़ों लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया जा चुका है. फिर भी यह महामारी बढ़ते ही जा रही है. जब से पूरी दुनिया में कोरोनावायरस फैला है, बहुत सारे उद्योग धंधे बंद हो गए हैं. परिणामस्वरूप दुनिया भर में करोड़ों लोग बेकार बैठे हुए हैं. उनके पास कोई काम नहीं है और उनकी मासिक आमदनी नहीं हो पा रही है. देश दुनिया के कई हिस्सों में तालाबंदी हटने के बाद भी बिजनेस का लेवल पहले जैसा नहीं है क्योंकि लोगों के पास मासिक आमदनी नहीं है. करोड़ों बेरोजगार लोग सरकार से मिलने वाले आर्थिक अनुदान और अन्य सुविधाओं क

दुनिया में बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग की समस्या

मित्रों, इन दिनों दुनिया के विभिन्न भागों में अजीबोगरीब प्राकृतिक घटनाएं हो रही है. भारत और चीन के कई भागों में मूसलाधार बारिश हो रही है जिसकी वजह से आबादी वाले कई इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है और लोगों का जीवन अस्त व्यस्त चल रहा है. अपने ठंडे मौसम के लिए प्रसिद्ध पश्चिम के देशों में जानलेवा गर्मी पड़ी जिसकी वजह से कई लोग मारे गए. यूरोप के कई देशों में बाढ़ और जंगलों में लगी आग ने तबाही मचा रखी है. ध्रुवीय इलाकों में बर्फ तेजी से पिघल रहा है जिसकी वजह से दुनिया के कई इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है. आखिर ग्लोबल वार्मिंग है क्या? जो दुनिया भर के वैज्ञानिक इस समस्या पर अपनी चिंता जता रहे हैं? आइए जानते हैं ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है धरती के तापमान में वृद्धि होना. ऊपरी तौर पर लोगों को यह लगता है कि अगर धरती का तापमान 1 या 2 डिग्री बढ़ जायेगा तो क्या हो जाएगा. लेकिन धरती का तापमान बढ़ना खतरे का संकेत होता है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, जीवन जीने की परिस्थितियां उतनी ही कठिन होगी. आजकल असहनीय गर्मी पड़ती है. बिना पंखा और कूलर के हम बेचैन हो जाते हैं.  बारिश के मौसम

क्या मुंबई पुलिस एक अविश्वसनीय संस्था है?

महाराष्ट्र में जब से शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मिली जुली सरकार सत्ता में आई है, तब से ही मुंबई पुलिस के कई अधिकारी विवादों के घेरे में है. फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमई मौत के मामले में लोग मुंबई पुलिस के कारनामे पर सवाल उठाते रहे हैं. आपको यह जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि बिना किसी जांच-पड़ताल के मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमवीर सिंह ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या घोषित कर दिया. उस मामले में विवाद बढ़ने पर मुंबई पुलिस की किरकिरी होने लगी थी. हम सभी ने देखा कि कैसे मुंबई पुलिस के अधिकारी महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस की जांच में रोड़े अटकाये. फिलहाल सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच का मामला सीबीआई के हाथ में है. मुंबई पुलिस इन दिनों एक के बाद एक विवादों में घिरती जा रही है जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग रहे हैं. दोस्तों किसी भी राज्य की पुलिस का काम होता है कानून व्यवस्था कायम रखना, अपराधियों को जेल हवा खिलाना, और दोषियों को अदालत से सजा दिलवाना. लेकिन भारत में पुलिस का रोल बिल्कुल अलग है. पुलिस वाले अपने आप क