अफगानिस्तान में अराजकता का आलम, मूकदर्शक बना विश्व समुदाय
मित्रों इन दिनों अफगानिस्तान में अराजकता का आलम बना हुआ है. इस देश से अमेरिका और नाटो फोर्सेज के हट जाने के बाद इस्लामिक आतंकवादी संगठन तालिबान ने कोहराम मचा दिया है. फिलहाल पूरे देश पर तालिबान का नियंत्रण है. तालिबान के खतरनाक इरादों को जानते हुए दुनिया भर के प्रमुख देशों ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया है और वहां से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं. लाखों की संख्या में अफगानी नागरिक भी देश छोड़ने के लिए बेचैन है. इसलिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जमा है और अराजकता का आलम है. हाल ही में एक अन्य इस्लामिक आतंकी संगठन आईएसआईएस ने काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमला करके कई अमेरिकी सैनिकों समेत 113 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. सैकड़ों लोग घायल हो गए. इस घटना से अमेरिका की पूरी दुनिया में बेइज्जती हो रही है. पाकिस्तान, रूस, चीन, तुर्की, ईरान जैसे देश अमेरिका की इस दुर्दशा पर मन ही मन खुश हो रहे हैं. लेकिन यह सारे देश यह नहीं जानते कि तालिबान किसी का सगा नहीं है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि पूरी दुनिया के विभिन्न भागों